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Eucalyptus Tree farm

Eucalyptus यानी सफेदा का पौधा लगाकर महज दस साल में करें करोड़ों की सफेद कमाई!

Eucalyptus यानी सफेदा का पौधा लगाकर महज दस साल में करें करोड़ों की सफेद कमाई!

महंगी होती किसानी के बीच, किसान अपने खेत में यूकेलिप्टस (safeda ka ped) जिसे आम बोलचाल की भाषा में सफेदा का पेड़ या नीलगिरी (Nilgiri) के नाम से भी जाना जाता है, का पौधा लगाकर कम लागत में करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। 

यूकेलिप्टस की कीमत क्या है? इसका पौधा कितने दिन में परिपक़्व पेड़ बन जाता है? क्या यूकेलिप्टस धरती से पानी सोख लेता है? और क्या करोड़ों रुपये की हैसियत रखने वाले इस पेड़ को लगाने के नुकसान भी हैं? सफेदा का पेड़ कैसा होता है ? सारे सवालों के जवाब जानें साथ-साथ। 

eucalyptus के बारे में जानकारी? (eucalyptus in hindi)

पहली बात यह कि, महज एक एकड़ के खेत में लगाए गए नीलगिरी Eucalyptus के पेड़ दस साल बाद, सैकड़ों नहीं, हजारों नहीं बल्कि करोड़ों रुपयों का मुनाफा देने में कारगर हैं। 

वो ऐसे कि सफेदा यानी नीलगिरी या फिर कहें कि यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का पेड़ पूर्णतः विकसित होने में लगभग दशक भर का समय लेता है।

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सफेदा का पेड़ कैसा होता है?   

safeda ka ped ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए आदर्श तरीकों से, इन पेड़ों के बीच की जमीन पर अल्प अवधि में लाभदायक फसल, साग सब्जियां आदि लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है। 

ऐसे में, दीर्घकाल में लाभकारी सफेदा का पेड़ जब तक पूरी तरह से परिपक़्व नहीं हो जाता, तब तक खेत में लगाई गई अन्य फसलों से नियमित लाभ हासिल किया जा सकता है। 

मतलब, दशक भर में कटाई के लिए तैयार होने वाले सफेदा के पेड़ों के बीच हल्दी, अदरक, साग-भाजी लगाकर कमाई की जा सकती है। तो हुई न, हींग लगे न फिटकरी, रंग आए चोखा वाली बात! 

सफेदा (Safeda)/नीलगिरी (Nilgiri)/यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का उपयोग :

आम तौर पर भारत में पंजाब, मध्यप्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, बिहार, दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में सफेदा के पेड़ों की व्यापक तौैर पर फार्मिंग हो रही है। 

मजबूती, लचीलेपन के कारण पसंद की जाने वाली यूकेलिप्टस की लकड़ियों का मुख्य तौर पर उपयोग फर्नीचर बनाने से लेकर भवन निर्माण आदि में किया जाता है। खेल आदि की वस्तुओं में भी इनका उपयोग होता है। 

मट्ठर प्रकृति का पेड़ :

जैसा कि प्रचलित है, सफेदा (Safeda)/नीलगिरी (Nilgiri)/यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का पौधा किसी भी तरह की जलवायु में खुद को विकसित करने में कारगर है। 

पथरीली, काली किसी भी तरह की मिट्टी में नीलगिरी के पौधे विकसित किए जा सकते हैं। कृषि विज्ञान परीक्षणों के मुताबिक 6.5 से 7.5 के P.H.मध्यमान वाली जमीन यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पौधे के विकास में खासी मददगार होती है।

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) से जुड़ी आशंकाएं भी :

 सफेदा का पेड़ एक बहुत बड़ा पेड़ होता है। सफेदा यानी यूकेलिप्टस (Eucalyptus) की खेती को लेकर कुछ मतांतर भी हैं। ऐसी भी राय है कि इसके पेड़ लगाने से भूजलस्तर में गिरावट हो सकती है। 

हालांकि सरकारी स्तर पर इस बारे में कोई अधिसूचना आदि प्रदान नहीं की गई है। साथ ही यह भी एक और राय है कि, सरकारी प्रोत्साहन के अभाव में किसानों ने इस पौधे से लाभ कमाने में कम ही रुचि दिखाई है।

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एक एकड़, दस साल और लाभ एक करोड़ : 

सफेदा का पेड़ बहुत कम लागत में तैयार होने वाला पेड़ है। पेड़ की लकड़ी का बाजार भाव छह रुपये प्रति किलो के आसपास है। कम देेखभाल वाले सफेदा के पेड़ में मतलब, हर तरह से बचत ही बचत है। 

एक परिपक़्व पेड़ का वजन चार सौ किलो के लगभग होता है। safeda ka ped एक हेक्टेयर खेत में लगभग एक से डेढ़ हज़ार पौधों को पेड़ों का रूप दिया जा सकता है। 

safeda ka ped से कमाई कर रहे किसानों की मानें, तो इस की खेती से दस सालों बाद तकरीबन एक करोड़ रूपए तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।

यूकेलिप्टस का पौधा लगा कर किसान कर रहे हैं लाखों की कमाई; जाने कैसे लगा सकते हैं ये पौधा

यूकेलिप्टस का पौधा लगा कर किसान कर रहे हैं लाखों की कमाई; जाने कैसे लगा सकते हैं ये पौधा

आजकल किसान खेत में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का पेड़ लगा  रहे हैं.ऑस्ट्रेलिया मूल का यह पेड़ सीधा ऊपर की तरह बढ़ता है.भारत में इसे गम, सफेदा या नीलगिरी के नाम से भी जाना जाता है.इस पेड़ की लकड़ी की मार्किट में काफी ज्यादा डिमांड है और इसका इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड वगैरह, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड और इमारतों में किया जाता है.

कितनी हो सकती है इस पेड़ से कमाई

इस पेड़ को लगाने में ज्यादा लागत नहीं लगती है और एक हेक्टेयर की भूमि पर लगभग 3000 पेड़ लगाए जा सकते हैं.अगर आप नर्सरी ये पौधा लेना चाहते हैं तो आपको एक पौधा 7 से 8 रुपए में मिल जाता है ऐसे में आप पेड़ खरीदने से लगाने तक का खर्चा 25000 रुपए मान सकते हैं.4-5 साल में एक पेड़ से 300-400 किलो लकड़ी मिल जाती है जो 6 से 7 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचीं जा सकती है. 
इस तरह से ये पेड़ लगा कर किसान 3 से 4 साल में लगभग 60 लाख रुपए कम सकते हैं.

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) पेड़ के लिए कैसी जमीन है ज़रूरी

इस पेड़ की सबसे अच्छी बात है कि इसे किसी भी तरह की भूमि में उगाया जा सकता है.इसके अलावा इसकी बुवाई हर मौसम में की जा सकती है और यह पेड़ लगभग 90 मीटर तक ऊँचा हो सकता है. गहरी खुदाई करते हुए आप गड्ढे बना कर इस पेड़ को लगा सकते हैं. जमीन को 20 दिन पहले सिंचाई करते हुए तैयार किया जाता है और साथ ही बेहत उपज के लिए गोबर की खाद इस्तेमाल की जा सकती है. ये भी देखें: Eucalyptus यानी सफेदा का पौधा लगाकर महज दस साल में करें करोड़ों की सफेद कमाई!

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) पौधे के लिए पानी

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ को ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है और इसमें 40-50 दिन के बीच में पानी दिया जा सकता है.इस पौधे में बीच बीच में खुदाई करते रहना ज़रूरी है ताकि इसे खरपतवार से बचाया जा सके. पूरा पेड़ 7 से 8 साल में पूरी तरह बड़ा हो जाता है.
जानिए यूकलिप्टस पेड़ की खूबियों के बारे में

जानिए यूकलिप्टस पेड़ की खूबियों के बारे में

यूकलिप्टस का वृक्ष आपको कुछ सालों में ही धनी बना सकता है। यदि आप शानदार आमदनी करना चाहते हैं, तो ये एक बेहद बेहतरीन विकल्प है। यदि आप एक बड़े भूमि के हिस्से के मालिक हैं और आप उस जगह का समुचित उपयोग करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए काफी काम की है। यदि आप किसी ऐसी भूमि पर पेड़ उगाकर शानदार मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अंदर लागत भी अधिक नहीं होती है। साथ ही, कुछ वर्ष उपरांत आय भी तगड़ी होती है। दरअसल, किसान भाइयों हम बात कर रहे हैं, यूकलिप्टस के वृक्ष के बारे में। भारत में इस पेड़ का नाम सफेदा, गम एवं नीलगिरी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पेड़ का मूल ऑस्ट्रेलिया से है। ये काफी शीघ्रता से बढ़ते हैं, कि कुछ वर्षों के दौरान ही एक परिपक्व पेड़ की भांति बन जाते हैं। इस पेड़ की लकड़ी भी बेहद फायदेमंद है। इस वजह से इन पेड़ों की लकड़ियां अत्यंत महंगी होती हैं। दरअसल, इन वृक्षों को धन प्रदान करने वाले वृक्ष कहा जाता है। अगर एक बार आपने इनका उत्पादन कर लिया, तो आपको कोई भी उन्नति करने एवं मालामाल होने से रोक नहीं पाऐगा।

यूकलिप्टस पेड़ के विभिन्न लाभों के बारे में जानें

यूकलिप्टस के विभिन्न लाभ हैं, साथ ही, ये वृक्ष मलेरिया से संरक्षित करता है। यूकलिप्टस के पेड़ों को संरक्षित रखने के लिए सिंचाई की जरूरत होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूकलिप्टस के वृक्ष अत्यधिक जल सोखते हैं। अगर यूकलिप्टस को ऐसी जगहों पर उगाया जाए जहां अशुद्ध यानी गंदा पानी काफी ज्यादा जमता है, तो पानी इकट्ठा नहीं होगा और मच्छर पानी पर नहीं पनपेंगे। यूकलिप्टस के वृक्ष काफी ज्यादा भूमि नहीं घेरते बल्कि ये सीधे बढ़ते हैं।

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यूकलिप्टस का पेड़ कितने सालों में विकसित हो सकता है 

युकलिप्टस का पेड़ चार से पांच वर्षों के अंतराल में इतना बड़ा हो जाएगा कि इससे 400 किलो तक लकड़ी बिक सकती है। आप इस पेड़ को लगाने के कुछ वर्षों उपरांत ही काफी धनवान बन सकते हैं। सांस से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी इस वृक्ष का तेल काफी कारगर साबित होता है। अगर आपके पास भूमि का काफी छोटा हिस्सा है और आप कम समयावधि में धन कमाना चाहते हैं, तो यूकलिप्टस का वृक्ष आपके लिए एक शानदार विकल्प है।